Tuesday, October 27, 2015

agrawalon ki utpatti/image of old family tree/family tree of Agrasen Maharaj/Agrasen maharaj/Name of wives and suns/


महाराज अग्रसेन का वंश वृक्ष 

  • प्रथम ब्लॉग में मैंने अग्रसेन महाराज के परिवार का चित्र देना चाहा था पर नहीं दे सका। वह चित्र मैं अब सलंग्न  कर रहा हूँ। यहाँ यह उल्लेख करना चाहूंगा की यह चित्र किसने बनाया, इसका ऐतिहासिक आधार क्या है , इसकी प्रामाणिकता कितनी है कहना सम्भव नहीं है। 
  • यह चित्र मुझे पुरानी किताबों में मिला था अतः मैंने उपयुक्त समझा कि अग्र बंधू इसको जान लें। 


आशा है इससे सभी अवगत  हो सकेंगे। 

Friday, October 16, 2015

Agrasen Maharaj ki santaane / Family tree of Sons of Maharaja Agrasen/

अग्रसेन महाराज की संतानों के वंश 

मैंने पहले वाले ब्लॉग में महाराजा अग्रसेन का वंश वृक्ष दिया था। सम्भव है वह पूरा दिखाई नहीं देता हो। अतः मैं अब उनकी संतानों का अलग अलग वंश वृक्ष दे रहा हूँ। यहाँ पुनः इस ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहूंगा कि जिस पुराने चित्र पर यह विवरण आधारित है वह कितना प्रामाणिक है कहना संभव नहीं है। चूँकि मेरे पास एक जानकारी है जिसे  मैं अग्र बंधुओं के साथ इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर कर रहा हूँ। 

अ.  अग्रसेन महाराज की रानी धनबाला की संताने 

1. तम्बोल  गौत्र तेंगल   पत्नी-  रमावंती नागकन्या  से तीन पुत्र  1. झालाश्यू  2. टोड़ाश्यू  3. तमराश्यू 
 पत्नी- गोमती देवी (तारागढ़ के राजा सिंधु की पुत्री)  से दो पुत्र 1. गोखेमुनि  2. पृथुपत इसका पुत्र औलाद अग्नावत राजपूत 
2. ताराचंद गौत्र तायल  पत्नी-  लड़वंती नागकन्या  से तीन पुत्र 1. बाबामल   2. डूंगरमल   3. तीक्षरा दास 
 पत्नी- नौरंग  देवी (सरवरगढ़ के राजा ऊधोसेन  की पुत्री) दो पुत्र 1. धूमामुन   2. रोड़ामुन 
3 . नारसिंह  गौत्र तांगल   पत्नी-  आभावती नागकन्या  से तीन पुत्र 1. भोजाश्यू    2. सोमाश्यू    3. भूतिपुर्षा   
 पत्नी- शीलवंती  (सिंधुपुर के राजा मनिदेव  की पुत्री) से  एक  पुत्र1. गैंदामल 
4.इंद्रमल  गौत्र ऐरन    पत्नी-  केशोदेवी  नागकन्या  से तीन पुत्र 1. राधाश्यू  2. रमाश्यू  3. अश्वाश्यू 
 पत्नी- लोकनंदा  (भीमपुर के राजा लोकद  की पुत्री) से एक पुत्र 1. मेवानाथ  
 5. माधोसेन  गौत्र मधुकुल   पत्नी-  नौरंग  देवी नागकन्या  से दो  पुत्र 1. भूपदेवंत   2. उमोदेवंत   
 पत्नी- मोहनी देवी (नानपुर के राजा वीरभान  की पुत्री)  से पुत्र 1. धामामल    2. छेदीमल 
 6 .अमृतसेन  गौत्र मंगल   पत्नी-  अमरावती  नागकन्या  से दो  पुत्र 1. अमराश्यू    2. रूक्माश्यू   
 पत्नी- माधवंती  (द्रौनपुर के राजा इन्द्रसेन  की पुत्री)  से पुत्र 1. सेमामल    2. नवलकिशोर 
7.बासुदेव  गौत्र कासल  पत्नी-  गोमती देवी नागकन्या  से एक  पुत्र 1. बारुसेन   
 पत्नी- फुलमदेवी  (भ्रांतपूर  के राजा जनक  की पुत्री)  से एक  पुत्र 1. शीलामुन   इसका पुत्र राजाचंद इसका पुत्र राजा शिशुपाल 
8.वीरभान   गौत्र बांसल  पत्नी-  सुन्ति देवी नागकन्या  से कोई   पुत्र नहीं    
 पत्नी- चन्द्रादेवी   (फरणबारा   के राजा विजयचन्द  की पुत्री)  से एक  पुत्र 1. जोतसिंह 
9.गोधर  गौत्र गौन   पत्नी- मधवंती नागकन्या  से तीन पुत्र 1. ईषगंज  2. सोकराश्यू  3. हंसदेव से वंश पेश ठाकुर 
 पत्नी- तारावती  (बलखगढ़ के राजा  की पुत्री) से दो पुत्र 1. शमामल  2. सेथामल से वंश गो ठाकुर   

ब .  अग्रसेन महाराज की रानी सुन्दरवती  की संताने 

1. पुष्पदेव   गौत्र गर्ग   पत्नी- पिन्हावती  नागकन्या  से चार  पुत्र 1. अनंतामल   2. शामामल  3.नेमीदत्त 4. श्रीभामल के मेंदुमल के राघवल के परनघंद   
 पत्नी- योगनन्दा   (संघलदीप के राजा  माधुसेन की पुत्री) से चार  पुत्र 1. नामीमल  2. सोमामल 3. अमीमल 4. अन्तामल के खडगसेन के सरवीर सिंह   
2 . गेंदुमल    गौत्र सिंघल    पत्नी- ताम्बूलदेव   नागकन्या  से चार  पुत्र 1.नमेश्यू  2. अम्भेश्यू  3.स्वाराश्यू के बरनवाल   4. खराष्यु  के भारामल के गंधरप  की औलाद 
 पत्नी- चन्द्रावती  (रोह्ताश्गढ़  के राजा चंद की पुत्री) से चार पुत्र 1 भाराश्यू   2 नमराष्यु  3 अमाश्यू  4. चमाश्यू 
3. करनचन्द  गौत्र कुछल  पत्नी- कौशन्ति   नागकन्या  से दो पुत्र 1.वग्धाश्यू  2. वेधाश्यू   
 पत्नी- सधवंती  (मांडो गढ़  के राजा सिंधु की पुत्री) से एक  पुत्र सिन्धुपत के जससिन्ध के नहदेव 
4.मुनिपाल उर्फ़ कानकं गौत्र कौशल  पत्नी- बंशावती नागकन्या  से दो  पुत्र 1.चेलादास  2. मोरामल के चन्द्रगुप्त  
 पत्नी- विशनदेवी  से दो पुत्र 1 निग्धाश्यू  2 जिरधाश्यू  
5. विलंदा  गौत्र गावाल  पत्नी- पोलादेवी नागकन्या  से तीन पुत्र 1. माराश्यू  2. मन्दराष्यु 3. भराश्यू 
 पत्नी- आशावती (  मनोक़ंद के राजा मनोध्वज की पुत्री ) से तीन पुत्र 1 धब्बामल 2 धारामल  3. सूर्यभान   के दो पुत्र 1. इन्द्रदत्त 2. प्रेमचंद मोता के महाराजा विक्रमादित्य 
6. ढाउदेव  गौत्र ढासन   पत्नी- मानदेवी  नागकन्या  से तीन पुत्र 1. किशोरसेन  2. निरंजनबली  3. अमरसेन  
 पत्नी- उरसना ( वृद्धानगर  के राजा अरकसेन की पुत्री ) से दो  पुत्र 1 राजराजसिंह    2 ....  
7. जीतजग  गौत्र जिंदल   पत्नी- हीरादेवी  नागकन्या  से तीन पुत्र 1.चंद्रसेन   2. योग्नाश्यू   3. चरणसेन के धर्मसेन से दो नए वंश चले 1 . पाल वंश बंगाल में 2. सेन वंश बंगाल में  
 पत्नी- समावती  ( पुर  के राजा समाध्वज की पुत्री) से दो  पुत्र 1 सोठामल   2 सेवामल 
8. मंत्रपति  गौत्र गोयल  पत्नी- गोमतीदेवी   नागकन्या  से तीन पुत्र 1.छनाशयु    2 . छजाश्यू  3. जकाश्यू से ओसवाल वंश   
 पत्नी- अमरादेवी  ( अमरावती   के राजा अमरसेन  की पुत्री) से एक पुत्र 1 मनुदास 
9. मंत्रपति  गौत्र गोयल  पत्नी- अचलादेवी  नागकन्या  से तीन पुत्र 1.गाँधाश्यू  2 . वैधाश्यू  3. हमलाश्यू से गौतम बुद्ध जाती के निफ़ाक़ का मूल    
 पत्नी- बसंती देवी  ( लाल नगर के राजा जावाल की पुत्री) से एक पुत्र नाशोमुन के साखूदेव। 

आशा है उक्त विवरण जानकारी की दृष्टि से उपयोगी होगा।  
 

  

Thursday, October 15, 2015

अग्रसेन वंशावली / अग्रवाल वंश की उत्पत्ति / महाराज अग्रसेन का वंशवृक्ष /Agrasen Wanshawali/Agrawal wansh ki utpatti/Family Tree of Agrasen Maharaj

अग्रसेन वंशावली / अग्रवाल वंश की उत्पत्ति / महाराज अग्रसेन का वंशवृक्ष /Agrasen Wanshawali/Agrawal wansh ki utpatti/Family Tree of Agrasen Maharaj
भूमिका:
कई बार मुझे यह विचार आता रहता था कि महाराजा श्री अग्रसेन के 18 पुत्रों के क्या नाम थे ? उनका वंश आगे कैसे बढ़ा ? कई साइट पर खोजने के बाद भी कुछ जानकारी नहीं मिली। अभी दीपावली की सफाई के दौरान मुझे एक पुराना छपा हुआ एक रंगीन वंश वृक्ष मिला। उसमें हिंदी और उर्दू लिपि में जानकारी दी गयी। चित्र का कागज काफी गल गया है। कई अक्षर भी अस्पष्ट हैं।  वो किसने बनाया, किसने छपवाया आदि की जानकारी नहीं है। सब कुछ हस्त लिपि में लिखा हुआ प्रतीत होता है। ऐतिहासिक रूप से उसमें दी गई जानकारी कितनी प्रामाणिक है यह भी नहीं कहा जा सकता। उसे बनाने वाले ने किन तथ्यों के आधार पर बनाया बताना सम्भव नहीं। चूँकि यह छपी हुई अवस्था में है तथा रंगीन है इसलिए कम से काम 50 वर्ष से अधिक पुराना तो होगा ही. मेरा मानना है अन्य कुछ अग्रबंधुओं के पास इसकी प्रति अवश्य होगी।
मैंने इसे आधुनिक वंश वृक्ष के रूप में कम्प्यूटरीकृत किया है।  इस ब्लॉग के माध्यम से मैं इसे सभी के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत कर रहा हूँ। जैसा कि मैंने ऊपर उल्लेख किया है हो सकता है कि अस्पष्टता के कारण कुछ नाम गलत लिखने में आ गए हों।
 विवरण :
इसमें दी गई जानकारी के अनुसार श्री अग्रसेन महाराज के 18 पुत्रों के नाम और सम्बंधित गौत्र निम्नानुसार हैं -
1. पुष्पदेव   गर्ग  2. गेंदुमल  सिंघल  3.  करणचन्द सिंघल  4. विलन्द्र गोवाल  5. मुनिपाल  उर्फ़ कानकं  कौशल
6. ढाउदेव  ढासन  7. जीतजग  जैंदल   8 . मंत्रपति मित्तल  9. सिंधापत  गोयल 10. वीरभान बांसल
11. गोधर गौन  12. बासुदेव कासल   13. अमृतसेन मंगल  14. माधोसेन  मधुकुल  15. इंद्रमल ऐरन
16. नारसिंह  तांगल  17.  ताराचंद  तायल  18. तम्बोल  तेंगल
उक्त विवरण में गौत्र के नाम उसी रूप में दिए गए हैं जैसे कि चित्र में लिखे गए हैं।
चित्र में लाल, हरे और पीले रंग का प्रयोग किया गया है। उसमे रंगों का कोड निम्नानुसार  है :
लाल : देश वंशी   हरा : विष वंशी   पीला : ऋषि / गौत्र का नाम
महाराज अग्रसेन अपनी पुत्रों की संतानों को दो नामों से पुकारने लगे थे 1. जो देशी राजाओं की पुत्रियों की संतानों को देशवंशी 2. राजा वासक की पुत्रियों (नागकन्याओं) की संतानों को विष वंशी
शिक्षा की अवनति  के कारण देशवंशी नाम बिगड़ कर देशे रहा जिसका बिगड़ कर  दसे  रह गया।
विषवंशी शब्द बिगड़ कर बिशे और फिर बीसे हो गया।
चित्र में दिए गए विवरण के अनुसार बंगाल के पाल वंश और सेन वंश भी अग्रवाल ही हैं। ओसवाल और गौतम बुद्ध भी अग्रवाल वंश से गए  हैं।